Location/place: govt of mp
Name of company/service: shivraj singh chouhan cm mp
कलेक्टर महोदय
जिला रीवा म.प्र.
विषय- इण्डियन ऑयल द्वारा गैस एजेन्सी जवा जिला रीवा म.प्र. के मालिक मनीषा पान्डेय के फर्जी प्रमाण पत्र की जांच कराकर दोषी ब्यक्तियों एवं अधिकारियों के खिलाफ आपराधिक प्रकरण दर्ज कराने और एवं एजेन्सी का लाइसेन्स निरस्त करने । तथा मनीषा पान्डेय द्वारा नाजायज तरीके से हथियाई गई चल अचल सम्पत्ति की जांच कराने वाबत।
आवेदन पत्र के जांच के आधार निम्न है:-
1- यह कि रीवा जिले के जवा बाजार मे संचालित इण्डियन ऑयल द्वारा गैस एजेन्सी के मालिकान व उसके पति अरुण कुमार पांडेय तथा परिवार के अन्य सदस्यों के अलावा पति का भाई बीड़ी पांडेय तथा जो वर्तमान मे पुलिस मुहकमे मे टीई के पद पर पदस्थ है उसके गैर कानूनी करोडों की गैर कानूनी चल- अचल है कई शहरों प्लाट, मकान, सोने चांदी के जेवरात,नकदी जमा, बैकों मे गैर कानूनी खाते आदि-आदि है। करोडो की लूट पाट की सम्पति है बीडी पान्डेय टीई के पद का खुलेआम दुरुपयोग कर नाजायज सम्पति कमा रहा है। आय से कई गुना सम्पति है जो सम्पति व कारोबार फैलाए हुए है उसका कही भी कोई हिसाव किताब नही है और न ही शासन को जानकारी देता है कई बैकों मे बैक खाते है परिवार, नातेदारों के नाम से पैसा जमा किये हुए है। जिसके पदस्थापना से लेकर अब तक की चल व अचल सम्पति भाई, उसकी पत्नी मनीषा पांडेय के खातों की जांच, आय के साधनो का ब्यौरा मगाकर जांच की की जावे।
2- यह कि मधुकर प्रसाद पाण्डेय वर्ष २०1० में उप तहसील जबा में तहसीलदार के पद पर पदस्थ थे पदस्थपना के दौरान दिनांक 16-11-2०12 को मनीषा पाडेय पति श्री अरूण कुमार पाण्डेय सक्रिय भनिगवां का निवास प्रमाण पत्र अपने पद का दुरूपयोग कर प्राथी को शासय हानि पहुॅचाने के लिये मनीषा पाण्डेय से मिलकर यह जानते हुए की मनीषा पाण्डेय ग्राम जवा की निवासी नहीं है उसकों इण्डियन ऑयल द्वारा गैस एजेन्सी देने के लिये निवास प्रमाण पत्र की आवश्यकता थी जिसमें तत्कालीन तहसीलदार द्वारा कूट रचना कर मनीषा पाण्डेय को लाभ पहुॅचाने व प्राथी को गैस एजेन्सी न मिले इस आशय से मनीषा का ग्राम जवा का निवास प्रमाण पत्र जारी किया गया ।
3- यह कि मनीषा पाण्डे का दिनांक 09-12-2005 को अपर तहसीलदार कार्यालय जबा से प्रकरण क्रमांक 206 दिनांक 09-12-2006 को मनीषा पाण्डेय पति अरूण कुमार पाण्डेय निवासी ग्राम भनिगवां का निवास प्रमाण पत्र जारी किया गया था और उसे आज दिनांक तक मनीषा पाण्डेय द्वारा निरस्त नहीं कराया गया इस बात को जानते हुये तहसीलदार मधुकर प्रसाद पाण्डेय ने अपने पद व कर्तव्य का दुरूपयोग करते हुये दिनांक 16-11-2010 को प्रकरण क्रमांक 544 मनीषा पाण्डेय पत्नी अरूण कुमार का निवास प्रमाण पत्र ग्राम जवा का जारी किया गया।
4- यह कि उक्त आवेदन पत्र व उसमें संलग्र दस्तावेजों की नकल के लिये जब प्रार्थी द्वारा तहसील कार्यालय में आवेदन किया गया तो सम्बन्धित फाइल न होने की टीप लगाकर नकल नहीं दी गई । टीप में बताया गया कि दायरा पंजी में उक्त निवास प्रमाण पत्र दिनांक 16-11-2010 में दर्ज है।
5- यह कि जो मनीषा पाण्डेय का ग्राम जबा की निवास प्रमाण पत्र जारी किया गया, उसमें तहसीलदार के सील व हस्ताक्षर के नीचे दिनंाक 18-11-10 पडा जो यह साबित करता है कि छल पूर्वक कूट रचना करके उक्त निवास प्रमाण पत्र फर्जी तौर पर बनाया गया है।
6- यह कि दिनांक 19-11-10 को मनीषा पाण्डेय द्वारा ग्राम जबा में मनपूरन से जमीन रजिस्ट्रीय कराई गई जिसमें मनीषा ने क्रेता के रूप में अपना पत ग्राम भनिगवां (चरपरिहनपुर्वा) लेख कराया है ग्राम पंचायत नीवा की मतदाता सूची वार्ड क्रमंाक 16 सरल क्रमांक 1177 में मनीषा पति अरूण कुमार पाण्डेय दर्ज है यदि मनीषा पाण्डेय ग्राम जवा की निवासी होती तो ग्राम जवा का निवास प्रमाण पत्र जारी होने के बाद अपना पता भनिगवां न लिखाई होती ।
7- यह कि ग्राम पंचायत सरपंच नीवा ने उक्त फर्जी निवास प्रमाण पत्र के सम्बन्ध में तहसीलदार जबा को आवेदनपत्र दिया था लेकिन कोई भी कार्यवाही नहीं की गई।
8- यह कि तहसीलदार मधुकर प्रसाद पाण्डेय द्वारा किया गया कार्य अछम्य है। उन्होनें अपने पद का दुरूपयोग करते हुए मनीषा पाण्डेय से मिलकर ग्राम जबा का फर्जी निवासी प्रमाण पत्र बनवाया ।
9- निवेदन है कि मनीषा पान्डेय व उसके पति के पास कोई भी स्थाई आय का साधन नही है और न जो उसके पास चल अचल सम्पतिे व आयकर व सेलटेक्स विभाग को लेखा जोखा दिया जाता है। मनीषा पान्डेय का जेष्ठ पुलिस बिभाग मे पुलिस इन्सपेक्टर के पद पर है जो लोगों से जबरिया पैसा लूटने के बाद अपना भारी भरकम कारोबार फैलाए हुए है अधिकतर लूट का पैसा मनीषा पान्डेय व उसके पति के नाम जमा किया है शहर एवं गावों मे करोडों की सम्पति है। पुलिस इन्सपेक्टर बीडी पान्डेय व मनीषा पान्डेय तथा उसके परिवार के सदस्यों को नाम की सम्पति की जांच कराने के बाद करोडो रुपयों के हेरा- फोरी का खुलासा हो सकता है। मनीषा पान्डेय व अरुण कुमार पान्डेय के कई गैर कानूनी खाते भी है जिसकी गोपनीय जांच कराई जा सकती है।
प्रार्थी
दीपक पांन्डेय पिता श्री शिवबालक पांडेय ग्राम पो. जवा जिला रीवा म.प्र.
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